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Lyrics
06 SADHO SO SAT GURU.mp3
Album: KAHEN KABIR I (2006)
साधो, सो सतगुरु मोहे भावे
साधो, सो सतगुरु मोहे भावे - 2
सत्त प्रेम का भर-भर प्याला -2, आप पीवे, मोहे पियावे -2
साधो, सो सतगुरु मोहे भावे -2
परदा दूर करे अँखियाँ का -2, ब्रह्म दरस दिखलावे, दिखावे
साधो, सो सतगुरु मोहे भावे -2
जिस दर्सन में सब लोक दर्से -2 अन्हद शबद सुनावे, सुनावे
साधो, सो सतगुरु मोहे भावे -2
एक ही सब सुख-दुख दिखलावे -2, शब्द में सुरत समावे, समावे
साधो, सो सतगुरु मोहे भावे -2
कहत कबीरा, ताको भेय नाही -2
कहत कबीरा, -2 कहत कबीरा, ताको भेय नाही, निर्भय पद परसावे, परसावे
साधो, सो सतगुरु मोहे भावे - 2
सत्त प्रेम का भर-भर प्याला -2, आप पीवे, मोहे पियावे -2
साधो, सो सतगुरु मोहे भावे -2
विवरण
संत कबीर जो पूर्ण प्राप्त देहधारी थे, अपूर्ण मानव के अंतर में असंतुलन का वर्णन कर रहे हैं। अपूर्ण को परिपूर्ण बनाने के लिए, प्रस्तुत भजन में कबीर जी ने यह सुझाव रखा है, कि मानव को अपनी जागृति और निर्मोहता की ओर ध्यान देना चाहिए। सद्गुरू की धारणा में ही इस काया की निर्मलता प्राप्त है। तब ही गुरूपद दर्शन का प्रमाण मिलेगा।
ENGLISH TRANSLATION - GURUDEV RABIDRANATH TAGORE
O brother, my heart yearns for that true Guru, who fills the cup of true love, and drinks of it himself, and offers it then to me.
He removes the veil from the eyes, and gives the true Vision of Brahma:
He reveals the worlds in Him, and makes me to hear the Unstruck Music:
He shows joy and sorrow to be one:
He fills all utterance with love.
Kabir says: "Verily he has no fear, who has such a Guru to lead him to the shelter of safety!"