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Lyrics

5 BHAKTI KA MARG.mp3


Album: KAHAT KABIR(1994)

भक्ति का मार्ग झीना रे

भक्ति का मार्ग झीना रे -3
भक्ति का मार्ग झीना रे -4
नहीं अचाह, नहीं चाहना, चरनन लौ लीना रे -
भक्ति का मार्ग झीना रे -3

साधन के रस धार में, रहे निस-दिन भीना रे
नहीं अचाह, नहीं चाहना -2, चरनन लौ लीना रे
भक्ति का मार्ग झीना रे - 4

राग में स्तुत, ऐसे बसे, जैसे जल मीना रे -2
भक्ति का मार्ग झीना रे - 4
नहीं अचाह, नहीं चाहना -2, चरनन लौ लीना रे
भक्ति का मार्ग झीना रे - 4

साइन सेवन में देह से, कुछ विलंब ना कीना रे -2
भक्ति का मार्ग झीना रे - 4
नहीं अचाह, नहीं चाहना -2, चरना लौ लीना रे
भक्ति का मार्ग झीना रे - 4

कहें कबीर -4, कहें कबीर मद भक्ति का, पार्गॅट कर दीना रे
भक्ति का मार्ग झीना रे - 4
नहीं अचाह, नहीं चाहना -2, चरना लौ लीना रे
भक्ति का मार्ग झीना रे - 4



ENGLISH TRANSLATION - GURUDEV RABINDERNATH TAGORE

Subtle is the path of love!
Therein there is no asking and no not-asking,
There one loses one's self at His feet,
There one is immersed in the joy of the seeking: plunged in the deeps of love as the fish in the water.
The lover is never slow in offering his head for his Lord's service.
Kabir declares the secret of this love.